सीएचएमओ

नाम : सीएचएमओ (कम्प्यूटर हार्डवेयर अनुरक्षण में डिप्लोमा पाठ्यक्रम)

यह कम्प्यूटर हार्डवेयर अनुरक्षण में एक डिप्लोमा पाठ्यक्रम है। इस पाठ्यक्रम की अवधि 1 वर्ष (6-6 माह की अवधि के 2 सेमेस्टर) है जो प्रत्यक वर्ष फरवरी तथा अगस्त से आरम्भ होता है। इस पाठ्यक्रम में दाखिले की नोटिस भी पाठ्यक्रम आरम्भ होने के 1 महीने पहले नागालैण्ड के स्थानीय दैनिक समाचार-पत्रों में प्रकाशित की जाती है।

पात्रता :

10+2 पास अथवा विद्युत/इलेक्ट्रॉनिकी/कम्प्यूटर/यंत्रीकरण इंजीनियरी में आईटीआई सर्टिफिकेट पास (कक्षा 10 के बाद)।

उद्देश्य :

इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को अपेक्षित ज्ञान एवं कुशलता प्रदान करके डीओईएसीसी हार्डवेयर परीक्षा के लिए तैयार करना है।

मान्यता :

भारत सरकार ने डीओईएसीसी सोसायटी द्वारा आयोजित सीएचएम ‘ओ’ स्तर की परीक्षा को केन्द्र सरकार के अन्तर्गत पदों तथा सेवाओं में रोजगार के प्रयोजन से कम्प्यूटर हार्डवेयर अनुरक्षण में डिप्लोमा पाठ्यक्रम के समकक्ष की मान्यता प्रदान की है। इस पाठ्यक्रम को डीओईएसीसी सोसायटी तथा भारत में सूचना प्रौद्योगिकी हार्डवेयर प्रशिक्षण, सूचना प्रौद्योगिकी डिजाइन/अनुसंधान एवं विकास तथा संबद्ध सेवाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले सूचना प्रौद्योगिकी विनिर्माता संघ (एमएआईटी) नामक शीर्षस्थ निकाय द्वारा संयुक्त रूप में आरम्भ किया गया है। 

प्रवेश :

प्रत्येक सत्र के लिए 20 सीटें

चयन की पद्धति :

विद्यार्थियों का चयन नाइलिट, कोहिमा द्वारा ली जाने वाली विशुद्धतः एक प्रवेश परीक्षा के आधार पर किया जाता है। यदि आवेदकों की संख्या कम होती है तो प्रवेश परीक्षा नहीं ली जाती है।

पाठ्यविवरण :

पेपर कोड पेपर का नाम

प्रथम सेमेस्टर

CHM-O1

इलेक्ट्रॉनिकी संघटक-पुर्जे तथा पीसी हार्डवेयर

CHM-O2

पीसी वास्तुकला

CHM-O5

व्यक्तित्व विकास एवं संचार की कुशलता

BC

ब्रिज कोर्स (गैर-विज्ञान के विद्यार्थियों के मामले में)

द्वितीय सेमेस्टर

CHM-O3

कम्प्यूटर पेरिफरल तथा नेटवर्किंग

CHM-O4

प्रणाली सॉफ्टवेयर नैदानिक एवं डिबगिंग टूल्स

प्रैक्टिकल पेपर

OP-1

प्रैक्टिकल - CHM-O1 तथा CHM-O2 के आधार पर

OP-2

प्रैक्टिकल - CHM-O3 तथा CHM-O4 के आधार पर

परियोजना कार्य:

इस पाठ्यक्रम के लिए एक परियोजना कार्य है लेकिन कोई अंक नहीं है।

परीक्षा :

1. सिद्धान्त की परीक्षाएँ :

परीक्षा का आयोजन डीओईएसीसी सोसायटी (औरंगाबाद केन्द्र) द्वारा वर्ष में दो बार अर्थात प्रतिवर्ष अगस्त तथा फरवरी के महीनों में किया जाता है। परीक्षा फार्म नाइलिट, कोहिमा से नकद रूप में 25/-. रु. का भुगतान करके संग्रह किया जा सकता है।

प्रत्येक पेपर का पूर्णांक 100 है तथा अवधि 3 घंटे है। प्रत्येक पेपर के लिए परीक्षा फीस 500/- रु. + सेवा कर है। नाइलिट के विद्यार्थियों के मामले में, परीक्षा फार्म जारी तथा प्रस्तुत करने के संबंध में औपचारिक घोषणा की जाएगी।

2. प्रैक्टिकल परीक्षाएँ :

इस पाठ्यक्रम के लिए दो प्रैक्टिकल पेपर हैं अर्थात “पीसी डिबगिंग – मरम्मत तथा अनुरक्षण (CHM-OP1)” तथा “सॉफ्टवेयर प्रतिष्ठापन एवं अनुरक्षण (CHMOP2)” जिनके प्रत्येक के लिए 100 अंक (मौखिक परीक्षा के लिए 20 अंक) हैं। प्रैक्टिकल परीक्षा का आयोजन नाइलिट, कोहिमा द्वारा डीओईएसीसी सोसायटी के पर्यवेक्षण में किया जाएगा। सिद्धान्त की परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले फार्म का ही प्रयोग प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए किया जाएगा और 500/- रु. + सेवा कर की अतिरिक्त फीस का भुगतान करना होगा। CHM-OP1 में ऐसे विद्यार्थी बैठने के पात्र होंगे जिन्होंने  CHM-01 तथा CHM-02 की परीक्षा दी है या दे रहे हैं और  CHMOP2 में ऐसे विद्यार्थी बैठने के पात्र होंगे जिन्होंने  CHM-03 तथा CHM-04 की परीक्षा दी है या दे रहे हैं।  परीक्षा फार्म जारी तथा प्रस्तुत करने तथा परीक्षा आरम्भ होने की अनन्तिम तिथियाँ नीचे दिए अनुसार हैं :

कार्यकलाप जनवरी परीक्षा अगस्त परीक्षा

नाइलिट, कोहिमा में आवेदन फार्म जारी किया जाना

i) आरम्भ की तिथि

15 सितम्बर

15 अप्रैल

ii) अतिम तिथि

20 नवम्बर

20 मई

नाइलिट, कोहिमा में भरे हुए फार्म प्रस्तुत करने की अन्तिम तिथि

i) विलम्ब शुल्क के बिना

20 नवम्बर

20 मई

ii) विलम्ब शुल्क के साथ

5 दिसम्बर

5 अप्रैलl

परीक्षा का प्रारम्भ: :

फरवरी का पहला शनिवार

अगस्त पहला शनिवार

परीक्षा के परिणाम :

सीएचएम-ओ स्तर की परीक्षा के परिणाम नाइलिट के विद्यार्थियों के लिए डीओईएसीसी केन्द्र, औरंगाबाद की वेबसाइट http://www.doeaccaurangabad.org.in. पर प्रकाशित किए जाते हैं। नाइलिट के विद्यार्थी कार्यलय से पूछताछ कर सकते हैं। परिणाम डीओईएसीसी ‘ओ’ तथा ‘ए’ स्तर के पाठ्यक्रमों की ही तरह ग्रेड के रूप में दिए जाएंगे। परीक्षा के समग्र ग्रेड का आकलन करते समय प्रैक्टिकल पेपर(रों) के प्राप्तांक को शामिल नहीं किया जाता है लेकिन प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए प्रैक्टिकल पेपर(रों) में उत्तीर्ण होना आवश्यक शर्त है।

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